
देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू करने के बाद उसमें कई तरह के संशोधन किए हैं. खासकर लिव इन रिलेशन के रजिस्ट्रेशन को लेकर बीते दो महीने पहले राज्य सरकार के पास इस तरह की जानकारी सामने आई थी कि बाहर से यहां पर आकर रहने वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन करवाने में दिक्कत हो सकती है. जिसके बाद कैबिनेट में इस फैसले को लाकर संशोधन किया गया. अब यूसीसी में लिन इन रजिस्ट्रेशन करवाने में आधार कार्ड की अनिवार्यता को पूरी तरह से खत्म कर दी गई है.
धामी सरकार ने पहले पहचान पत्र को लेकर कड़ा नियम बनाया था. जिसमें साफ कहा गया था कि आधार कार्ड से लिव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. अब इस अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. अब इसकी जगह पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड ,राशन कार्ड, पैन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस लगाकर रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है. बताया जा रहा है कि रजिस्ट्रेशन के दौरान ऑनलाइन वेबसाइट पर और भी कई बदलाव होने जा रहे हैं. इस रजिस्ट्रेशन को लेकर राज्य सरकार का यह चौथा संशोधन है. इससे पहले भी समान नागरिक संहिता में अलग-अलग तरीके के संशोधन किए गए हैं.2 महीने पहले भी बाहर से यानी भूटान नेपाल या अन्य प्रदेशों या देश के लोग यहां आकर रहते हैं ऐसे में उनके साथ समस्या यह आ रही थी कि आधार कार्ड न होने की वजह से वह रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पा रहे हैं. लिहाजा अब इस अनिवार्यता को खत्म करके धामी सरकार ने रजिस्ट्रेशन को थोड़ा और भी आसान कर दिया है.गृह सचिव शैलेश बगौली का मानना है की समान नागरिक संहिता में अगर कुछ संशोधन हो रहे हैं तो वह लोगों के लिए तो है ही साथ-साथ राज्य के लिए भी बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया 30 दिनों के भीतर महा निबंधक अधिकारी रजिस्ट्रेशन की जांच करेंगे. उसके बाद ही रजिस्ट्रेशन को प्रमाणित किया जाएगा. बता दें उत्तराखंड में अब तक लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन की संख्या 60 पहुंच गई है.









