
उत्तराखंड में कल रविवार 16 नवंबर को होने वाली प्रतियोगी परीक्षा के लिए एक दिन पहले ही आयोग की टीमें परीक्षा केंद्रों पर जा पहुंची. इस दौरान परीक्षा कक्षा से लेकर वॉशरूम तक की स्थितियों को खंगाला गया. खास बात यह है कि पिछली बार वॉशरूम से ही प्रश्न पत्र लीक होने की बात सामने आने के बाद वॉशरूम या इसके आसपास भी जैमर लगाने को लेकर अलग से व्यवस्था की गई.
आगामी प्रतियोगी परीक्षा के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पहले से ज्यादा सतर्क दिखाई दे रहा है. हाल ही में पेपर लीक प्रकरण सामने आने के बाद आयोग ने न केवल परीक्षा केद्रों में तकनीक का और अधिक उपयोग करने का फैसला लिया है, बल्कि परीक्षा से पहले तैयारी की निगरानी भी बढ़ा दी है.प्रदेश में सहकारी निरीक्षक और सहायक विकास अधिकारी पद के लिए आयोग को लिखित परीक्षा करवानी है. यहां 16 नवंबर को होने वाली इस परीक्षा के लिए आयोग ने सभी परीक्षा केंद्रों पर निगरानी बढ़ाई है. दरअसल इससे पहले हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक होने का मामला सामने आया था. इस दौरान प्रश्न पत्र के तीन पेज परीक्षा खत्म होने से पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे. हालांकि इस मामले की फिलहाल जांच चल रही है, लेकिन आयोग इस प्रकरण के बाद पहले से ज्यादा सतर्क होकर परीक्षा कराने के प्रयास में जुट गया है.सरकारी निरीक्षक और सहायक विकास अधिकारी परीक्षा प्रदेश के दो शहरों में होनी है. देहरादून और हल्द्वानी में इसके लिए परीक्षा केंद्र तय किए गए हैं. ऐसे में आयोग की टीम परीक्षा केंद्रों पर एक दिन पहले ही सभी तैयारियां को जांचने में लगी हुई है.राज्य में रविवार को होने वाली इस परीक्षा के लिए 26 केंद्र तय किए गए हैं, जिसमें 13080 अभ्यर्थियों को शामिल होना है. यह परीक्षा सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक होनी है. इस परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक हाजिरी लगाई जाएगी. खास बात यह है कि पेपर लीक मामले में जांच के दौरान वॉशरूम से प्रश्न पत्र बाहर भेजने की बात सामने आई थी.ऐसे में इस बार वॉशरूम या इसके आसपास भी जैमर लगाए गए हैं. इतना ही नहीं परीक्षा शुरू होने के बाद परीक्षा कक्षा से वॉशरूम के लिए बाहर जाने वाले अभ्यर्थियों पर भी अब ड्यूटी में मौजूद कर्मचारी अतिरिक्त निगरानी रखेंगे. सभी परीक्षा केद्रों के लिए टीमों को तैनात किया गया है. परीक्षा से एक दिन पहले भी परीक्षा केंद्रों का उनकी टीमें दौरा कर रही है, ताकि परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए सभी पुख्ता इंतजाम जांचे जा सके.
-जीएस मार्तोलिया, अध्यक्ष, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग










